ऐ जिंदगी

हिंदी माझा प्रदेश नाही पण बसल्या बसल्या सूचलं ४ ओळी...!!

ऐ जिंदगी, जरा सुन भी ले,
आज कुछ थोड़ी बात कर ले,
मैं बैठ जाता हूँ घुटने पे,
तू सारा गुस्सा निकाल ले..!!

अब तक तो शतरंज ही चालू था,
आज तो कुछ सौदा ही बना दे,
१०० चीजे मैं मेहनत से दे दूंगा तुझे,
बस १० ही तू मुझे खैरात मे दे दे...!!

माना के इस सौदे में नुकसान है मेरा,
पर अब भागम भाग से थकना नही है,
चाहे चलता रहूं एक एक कदम से,
बस पलभर भी एक जगह रुकना नही है..!!

बड़ी फरमाईशें कड़ी मझींले की बात छोड़,
छोटी ख्वाइशें और मन्नतो तक तो जाने दे,
मैं तो जी लूंगा तुझे इंसान की तरह,
पर कुछ खास लोगो के लिये जन्नत तो सजाने दे..!!

समझ गया हूं मैं के तू बड़ी जालिम चीज है,
लेकिन तू भी समझ ले,मैं भी अब तक हरा नही,
आदत हो गयी है इम्तिहानों के लिएे भी गाने की,
अभी ना जाओ छोड़कर के दिल अभी भरा नही..!!

©प्रसन्न कुलकर्णी [PK]

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